मणिभद्र वीर जी की आरती

जय जय आरति माणिभद्र ईन्द्रा, बावन वीर शीर मुगट जडींद्रा ।

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Last updated Thu, 23-Mar-2023 Hindi-gujarati

जय जय आरति माणिभद्र ईन्द्रा,

बावन वीर शीर मुगट जडींद्रा ।

तपगच्छ अधिष्ठायक विख्याता

अतिय विघन दुःख हरो विधाता ।

तुम सेवकनां संकट चुरो,

मन वंछित सुख संपदा पूरो ।

खडग त्रिशूल डमरु गाजे,

मृगदल अंकुश नाग विराजे ।

षट् भूजा गज वाहन सुन्दर,

लोढी पोशाल संघ वृद्धि पुरन्दर ।

विनये श्री आणंद सुरिधीर,

आशा पूरा मगरवाडिया वीर,

आशा पूरा उज्जनीया वीर,

आशा पूरा आगलोडीया वीर ।